Laga Kar Aag Seeney Mein Chale Ho Tum Kahan
Abhi To Raakh Udne Do Tamasha Aur Bhi Hoga!
Laga Kar Aag Seeney Mein Chale Ho Tum Kahan
Abhi To Raakh Udne Do Tamasha Aur Bhi Hoga!
ਨਿਭਾਈਆਂ ਕਿਥੋਂ ਜਾਣੀਆਂ
ਬੇਕਦਰਾਂ ਨੂੰ ਕਦਰ ਕਿੱਥੇ ਸਮਝ ਆਉਣੀ
ਜਿਹਨੇ ਦਿਤਾ ਹੋਵੇ ਜ਼ਹਿਰ ਹਰ ਇਕ ਨੂੰ
ਓਹਨੂੰ ਕਿਸੇ ਇੱਕ ਨੂੰ ਦਿੱਤੇ ਹੋਏ ਸ਼ਰਮ ਕਿਥੇ ਆਉਣੀ🙌
Nibhayian kitho janiya
Bekadran nu kadar kithe samjh auni
Jihne ditta Howe zehar har ikk nu
Ohnu kise ik nu dite hoye sharam kithe auni🙌
👧 *बाँझपन एक कलंक क्यों ???*👧
एक औरत माँ बने तो जीवन सार्थक
अगर माँ न बने तो जीवन ही निरथर्क,
किसने कहा है ये, कहाँ लिखा है ये,
कलंकित बोल-बोल जीवन बनाते नरक।
बाँझ बोलकर हर कोई चिढ़ाते,
शगुन-अपशगुन की बात समझाते।
बंजर ज़मीं का नाम दिया है मुझे,
पीछे क्या, सामने ही मेरा मज़ाक़ उड़ाते।
ममत्व का पाठ मैं भी जानती,
हर बच्चे को अपना मानती,
कोख़ से जन्म दूँ, ज़रूरी नहीं,
लहू का रंग मैं भी पहचानती।
आँचल में मेरे है प्यार भरा,
ममता की मूरत हूँ देख ज़रा,
क़द्र जानूँ मैं बच्चों की,
नज़र से मुझे ज़माने न गिरा।
कलंक नहीं हूँ इतना ज़रा बता दूँ,
समाज को एक नया पाठ सीखा दूँ,
बच्चा न जन्म दे सकी तो क्या,
समाज पे बराबर का हक़ मैं जता दूँ।
समाज पे बराबर का हक़ मैं जता दूँ।