Zindagi Meri Ae Mere Ik Dost Di Amanat
Rakhi Rabba Mereya Sada Osnu Salamat
Devi Ohnu Khushi Pure Sansaar Di
Ban Jaave Oh Tareef Har Ik Zubaan Di…
Zindagi Meri Ae Mere Ik Dost Di Amanat
Rakhi Rabba Mereya Sada Osnu Salamat
Devi Ohnu Khushi Pure Sansaar Di
Ban Jaave Oh Tareef Har Ik Zubaan Di…
Tune rakhi hi nahi bna kr warna
Tumhe wo muqam dete ki sara zamana dekhta✌️
तूने रखी ही नहीं बनाकर वरना
तुम्हे वो मुकाम देते की सारा ज़माना देखता✌️
इस जीवन से जुड़ा एक सवाल है हमारा~
क्या हमें फिर से कभी मिलेगा ये दोबारा?
समंदर में तैरती कश्ती को मिल जाता है किनारा~
क्या हम भी पा सकेंगे अपनी लक्ष्य का किनारा?
जिस तरह पत्तों का शाखा है जीवन भर का सहारा~
क्या उसी तरह मेरा भी होगा इस जहां में कोई प्यारा?
हम एक छोटी सी उदासी से पा लेते हैं डर का अंधियारा~
गरीब कैसे सैकड़ों गालियां खा कर भी कर लेतें है गुजारा ?
जिस तरह आसमान मे रह जाते सूरज और चांद-तारा ~
क्या उस तरह रह पाएगा हमारी दोस्ती का सहारा ?
जैसे हमेशा चलती रहती है नदियों का धारा~
क्या हम भी चल सकेंगे अपनी राह की धारा ?