Eh na samjhi ke tere kabil nahi haan,
Tadap rahe ne oh jihnaa nu hasil nahi haan
ਇਹ ਨਾਂ ਸਮਝੀ ਕਿ ਤੇਰੇ ਕਾਬਿਲ ਨਹੀਂ ਹਾਂ,
ਤੜਫ ਰਹੇ ਨੇਂ ਉਹ ਜਿਹਨਾਂ ਨੂੰ ਹਾਸਿਲ ਨਹੀਂ ਹਾਂ
Eh na samjhi ke tere kabil nahi haan,
Tadap rahe ne oh jihnaa nu hasil nahi haan
ਇਹ ਨਾਂ ਸਮਝੀ ਕਿ ਤੇਰੇ ਕਾਬਿਲ ਨਹੀਂ ਹਾਂ,
ਤੜਫ ਰਹੇ ਨੇਂ ਉਹ ਜਿਹਨਾਂ ਨੂੰ ਹਾਸਿਲ ਨਹੀਂ ਹਾਂ
उसके चेहरे में कई राज छुपे हैं, घबराती है बताने से..
कभी बेखौफ करे इजहार कभी, डरे जज्बात जताने से..
कभी आँखों से हटने नहीं देती, कभी फ़र्क नी पड़ता जाने से..
कभी मारने पर हंस पडती है, कभी रोये हाथ लगाने से..
कभी-कभी वो बाज नहीं आती, बेमतलब प्यार लुटाने से..
कभी लगे ना जाने कैसा प्यार है, भर देती दिल वो ताने से..
कभी-कभी वो घबरा जाती है, मुझे अपने पास बुलाने से..
कभी-कभी नहीं थकती वो अपनी, पलकों पे मुझे झूलाने से..
कभी दूर मुझसे है हो जाती, अचानक किसी के आने से..
कभी लड़ पड़ती मेरा हाथ पकड़ कर, मेरे लिए वो भरे जमाने से..
कभी परेशान हो जाता उसके, बेमतलब के शर्माने से..
कभी मुश्किल में फंस जाता हूं, परदा भी उसे कराने से..
अब तो मुझे भी डर है उसके, अचानक ही मुस्कुराने से..
क्या सबकी जिंदगी में है कोई ऐसा, या मेरी ही अलग है जमाने से..
वह चले जाने के बाद बोध आया।
गायक का भी शरीर है, गाना उसका छाया।
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ज़िंदगी कभी ख़त्म नहीं होता।
गाना के साथ वह भी जीवित रहता।
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इंसान का दुःख का मज़ा सिर्फ इंसान लेता है।
जानवर बैठकर हिंसा के बारे में सिर्फ सोचता रहता है।
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इंसान का सुख में सिर्फ इंसान ही डरता है।
जो जानवर को बंदी करता है, वह उससे थोड़ी डरता है।
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धर्म कभी अच्छा या बुरा नहीं होता।
इंसानों अच्छा और बुरा होता हैं- धर्म हमेशा इंसानों से मुक्त होता।
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अच्छा और बुरा इंसानों धर्म को नतीजे देता हैं।
यह धर्म का दोष नहीं- ग़लती सिर्फ इंसान का होता है।
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जन्म से बड़ा है करम, करम से बड़ा व्यवहार।
जन्म कुत्ते बिल्ली का भी होता हैं, करम सिर्फ इंसान का, और विद्वान का शिष्टाचार।
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सबको मान देकर अपना मत बताना।
किसी को छोटा करने से खुद को ही छोटा किया जाता।
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