
par jehrra tere naal aa
oh horaa naal nahi

एक उमीद सी बाकी है अब भी, कि शाइद तुम लोट आओगे॥
कि तुम फिर से मुझे आकर सीने से लगाओ गे,
लेकर मेरे आँसू ,मुझे हँसना सिखाओगे,
कि शाइद तुम फिरसे ,मुझे अपना बनालोगे॥
कि शाइद तुम लोट आओगे,
एक उमीद सी बाकी है अब भी ,शाइद तुम लोट आओगे॥❣️
Ek baat hai jo kabse humein, samajh nhi aa rhi..
Aadat gam chupane ki humse, badli nhi ja rhi..
Dekha hai logo ko bant te huye, gam dusro ke sath..
Kaash baant le mera bhi koi, ab aur chupane ki, jagah na rahi…💔
एक बात है जो कबसे हमें, समझ नहीं आ रही..
आदत गम छुपाने की हमसे, बदली नहीं जा रही..
देखा है लोगों को बांटते हुए, गम दूसरों के साथ..
काश बांट ले मेरा भी कोई, अब और छुपाने की, जगह ना रही…💔