
teri yaadon me mai..
nazaane kaise fas gya teri
baato mai..
tu to khush hai apne
humsafar ke sath..
aur yaha bikhra hu kayi raato se mai

Mainu lodh nai mainu rehan de gumnaam
mainu jakhmaa waang lagde ne tere dite jo inaam
bas jaanda jaanda sun ja sajjna eh zindagi tere naam
ਮੈਨੰੂ ਲੋੜ ਨੀ ਮੈਨੰੂ ਰਹਿਣ ਦੇ ਗੂੰਮਨਾਮ
ਮੈਨੰੂ ਜੱਖਮਾ ਵਾਗ ਲਗਦੇ ਨੇ ਤੇਰੇ ਦਿਤੇ ਜੋ ਇਨਾਮ
ਬੱਸ ਜਾਦਾ ਜਾਦਾ ਸੁਣ ਜਾ ਸੱਜਣਾ ਇਹ ਜਿੰਦਗੀ ਤੇਰੇ ਨਾਮ
जाते जाते एक उम्दा तालीम दे गया, वो मुसाफिर, खुदकी तलाश में घर से निकल गया, वो मुसाफिर, सोचा साथ जाऊं मैं भी, पर जाऊंगा कहां, जा चुका होगा मीलों दूर, उसे पाऊंगा कहां, इसी सोच में रात हुई, नींद का झोंका आ गया, सुबह आंखे खुली तो सोचा, क्या वो मौका आज आ गया ? के चला जाऊं सबसे इतना दूर के कुछ ना हो, गहरी नींद में बेड़ियां मिले पर सचमुच ना हो, सच हो तो बस आसमां में परिंदो सी उड़ान हो, चाहूंगा हर सितमगर का बड़ा सा मकान हो, वहां आवाज़ देकर झोली फैलाएगा वो मुसाफिर, तुम्हे देख भीगी पलकें उठाएगा वो मुसाफिर, मोहब्बत से एक रोटी खिलाकर देखना तुम, शोहरत से दामन भर जाएगा वो मुसाफिर...