नींद बेचैनी से कटती रही
ख्वाब कोहरे मे छुपती रही
तेरी आवाज़ से मैं अनसुनी रही
तु मिला न कही मंज़िलों पे
मैं भटकती भटकती
तुझे ढूंढती रही
तेरा मेरा रिश्ता इन
काग़ज़ों पे खत्म हो गया
साथ तेरा मेरा युं सिमट सा गया
जैसे चार दिवारी में बंध सा गया
तेरी बातों को मैं याद करता
तेरी हँसी को मैं याद करता
हमारे उन्ही हसीन पलो को
हररोज सजाया करता
Lagge char chand sadi khushiyan nu
Jion layi aasre tere sanu bathere e..!!
Zindagi naal mohobbat e hoyi sajjna
Jadon di mohobbat hoyi naal tere e..!!
ਲੱਗੇ ਚਾਰ ਚੰਦ ਸਾਡੀ ਖੁਸ਼ੀਆਂ ਨੂੰ
ਜਿਉਣ ਲਈ ਆਸਰੇ ਤੇਰੇ ਸਾਨੂੰ ਬਥੇਰੇ ਏ..!!
ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਨਾਲ ਮੋਹੁੱਬਤ ਏ ਹੋਈ ਸੱਜਣਾ
ਜਦੋਂ ਦੀ ਮੋਹੁੱਬਤ ਹੋਈ ਨਾਲ ਤੇਰੇ ਏ..!!