वक़्त होकर भी मुझे वक़्त ना देना, तेरी आदत सी हो गई है.. मगर तेरे वक़्त का इंतज़ार करना, मेरी इबादत सी हो गई है.. सेहमे हुए होठों से ये पूछने को दिल तो करता है.... क्या तेरे प्यार की इस जंग में मेरी, शहादत सी हो गई है..
वक़्त होकर भी मुझे वक़्त ना देना, तेरी आदत सी हो गई है.. मगर तेरे वक़्त का इंतज़ार करना, मेरी इबादत सी हो गई है.. सेहमे हुए होठों से ये पूछने को दिल तो करता है.... क्या तेरे प्यार की इस जंग में मेरी, शहादत सी हो गई है..
Roj di zindagani vich jhooth aam ho gya
do bol ne ajehe jinnu kehke lagge sukoon mil gya
chal koi na hunda te baaki chal shukar e rab da
adhiyaa ne baata hun kehdhi ton me parda chaka
ਰੋਜ਼ ਦੀ ਜ਼ਿੰਦਗਾਨੀ ਵਿੱਚ ਝੂੱਠ ਆਮ ਹੋ ਗਿਆ,
ਦੋ ਬੋਲ ਨੇ ਅਜਿਹੇ ਜਿਨੂੰ ਕਹਿਕੇ ਲੱਗੇ ਸੁਕੂਨ ਮਿਲ ਗਿਆ।
ਚੱਲ ਕੋਈ ਨਾ ਹੁੰਦਾ ਤੇ ਬਾਕੀ ਚੱਲ ਸ਼ੁੱਕਰ ਏ ਰੱਬ ਦਾ,
ਬੜੀਆਂ ਨੇ ਬਾਤਾਂ ਹੁਣ ਕਿਹੜੀ ਤੋਂ ਮੈਂ ਪਰਦਾ ਚੱਕਾ।
✍️ ਸੁਦੀਪ ਮਹਿਤਾ