वो शमा की महफ़िल ही क्या,
जिसमे दिल खाक ना हो,
मज़ा तो तब है चाहत का,
जब दिल तो जले, पर राख ना हो
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वो शमा की महफ़िल ही क्या,
जिसमे दिल खाक ना हो,
मज़ा तो तब है चाहत का,
जब दिल तो जले, पर राख ना हो
tere naal bitaye pal jo safedeyaa thalle
sugaat vich ditiyaa jhanjraa te oh shalle
ਤੇਰੇ ਨਾਲ ਬਿਤਾਏ ਪਲ ਜੋ ਸਫੈਦਿਆਂ ਥੱਲੇ
ਸੁਗਾਤ ਵਿੱਚ ਦਿੱਤੀਆਂ ਝਾਂਜਰਾਂ ਤੇ ਉਹ ਛੱਲੇ