Well done is better than well said
हदें शहर से निकली तो गांव गांव चली
कुछ यादें मेरे संग पांव-पांव चली
सफर में धूप का हुआ तो तजुर्बा हुआ
वो जिंदगी ही क्या जो छांव-छांव चली
Aaj thoda naam kmaya to log kehte ke purane dost chor kyu nhi deta,,
Ab unhe kya pta shraab jitni purani hoti hai nasha utna hi gehra hota hai..❤️
आज थोड़ा नाम कमाया तो लोग कहते हैं के पुराने दोस्त छोड़ क्यों नही देता
अब उन्हें क्या पता शराब जितनी पुरानी होती है, नशा उतना ही गहरा होता है..❤️