ZINDGI TO SABKI EK SI HAI MERE DOST BSS FARAK TO ITNA HAI,
KOI APNE LIYE JEE RAHA,
TO KOI APNO KE LIYE….
ZINDGI TO SABKI EK SI HAI MERE DOST BSS FARAK TO ITNA HAI,
KOI APNE LIYE JEE RAHA,
TO KOI APNO KE LIYE….
ख़िज़ाँ का दौर हो या हो बहार का मौसम
मेरे लिए नहीं कोई क़रार का मौसम
किसे ख़बर थी बिछड़कर न मिल सकेंगे कभी
न ख़त्म होगा तेरे इन्तिज़ार का मौसम
ग़रज़ का दौर है सबको हैं अपनी अपनी धुन
किसी को रास न आया पुकार का मौसम
ढला है हुस्न तो मशहूर बेवफ़ाई हुई
गुज़र गया है तेरे इन्तिज़ार का मौसम
उड़ाए फिरती है आवारगी की आंधी हमें
हमें नसीब कहाँ ज़ुल्फ़-ए- यार का मौसम
बुझे हैं रेख़्ता हम तो बुझे नज़ारे हैं
उदास उदास लगा हुस्न -ए- यार का मौसम
Hum mardon ko tumhare jhumke tak se pyar hai
Ladkiyo.. tumhe ye jisam ki galatfehmi mitani hogi 💯
हम मर्दों को तुम्हारे झुमके तक से प्यार है
लड़कियो तुम्हें ये जिस्म की गलतफहमी मिटानी होगी💯