नाराजगी उस सादगी पे जचती थी बड़ी
गुस्से में भी प्यारी लगती थी बड़ी🥰
कुछ हादसे ने छीनी है मुस्कुराहट उसकी
वरना हर बात पे वो हस्ती थी बड़ी🥀
नाराजगी उस सादगी पे जचती थी बड़ी
गुस्से में भी प्यारी लगती थी बड़ी🥰
कुछ हादसे ने छीनी है मुस्कुराहट उसकी
वरना हर बात पे वो हस्ती थी बड़ी🥀
अकबर बादशाह को मजाक करने की आदत थी। एक दिन उन्होंने नगर के सेठों से कहा-
“आज से तुम लोगों को पहरेदारी करनी पड़ेगी।”
सुनकर सेठ घबरा गए और बीरबल के पास पहुँचकर अपनी फरियाद रखी।
बीरबल ने उन्हें हिम्मत बँधायी,
“तुम सब अपनी पगड़ियों को पैर में और पायजामों को सिर पर लपेटकर रात्रि के समय में नगर में चिल्ला-चिल्लाकर कहते फिरो, अब तो आन पड़ी है।”
उधर बादशाह भी भेष बदलकर नगर में गश्त लगाने निकले। सेठों का यह निराला स्वांग देखकर बादशाह पहले तो हँसे, फिर बोले-“यह सब क्या है ?”
सेठों के मुखिया ने कहा-
“जहाँपनाह, हम सेठ जन्म से गुड़ और तेल बेचने का काम सीखकर आए हैं, भला पहरेदीर क्या कर पाएँगे, अगर इतना ही जानते होते तो लोग हमें बनिया कहकर क्यों पुकारते?”
बादशाह अकबर बीरबल की चाल समझ गए और अपना हुक्म वापस ले लिया।
kinne hi chehre hunde duniyaa te
par aunda raas koi koi
khaaba ton khyaala taai tera hi khaab e
marne ton pehla hou jehdhaa jubaa ute tera hi naam e
ਕਿੰਨੇ ਹੀ ਚਿਹਰੇ ਹੁੰਦੇ ਦੁਨੀਆਂ ਤੇ
ਪਰ ਆਉਂਦਾ ਰਾਸ ਕੋਈ ਕੋਈ
ਖਾਬਾਂ ਤੋਂ ਖਿਆਲਾ ਤਾਂਈ ਤੇਰਾ ਹੀ ਖ਼ਾਬ ਏ
ਮਰਨੇ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਹੋਊ ਜਿਹੜਾ ਜ਼ੁਬਾਂ ਉੱਤੇ ਤੇਰਾ ਹੀ ਨਾਮ ਏ