एक बचपन का जमाना था
जहाँ खुशियों का खजाना था
चाहत चांद को पाने कि थी
पर दिल तितली का दिवाना था
ना खबर अपनी थी
ना शाम का ठिकाना था
माँ की कहानी थी
परियों का फसाना था
क्यो हो गए आज हम इतने बड़े
इससे अच्छा तो वो बचपन का जमाना था❤️
एक बचपन का जमाना था
जहाँ खुशियों का खजाना था
चाहत चांद को पाने कि थी
पर दिल तितली का दिवाना था
ना खबर अपनी थी
ना शाम का ठिकाना था
माँ की कहानी थी
परियों का फसाना था
क्यो हो गए आज हम इतने बड़े
इससे अच्छा तो वो बचपन का जमाना था❤️
Maapeyaa da hasda chehra te veera di sardaari
ik bhen nu sab to jyada hunda aa pyari
ਮਾਪਿਆ ਦਾ ਹੱਸਦਾ ਚਿਹਰਾ ਤੇ ਵੀਰਾਂ ਦੀ ਸਰਦਾਰੀ..
ਇਕ ਭੈਣ ਨੂੰ ਸਭ ਤੋਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੁੰਦੀ ਆ ਪਿਆਰੀ💞..