हुवा इश्क भी बोहोत
हुए नफरत भी बोहोत
अब बस अकेला छोड़ दो
हो चुका बोहोत
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हुवा इश्क भी बोहोत
हुए नफरत भी बोहोत
अब बस अकेला छोड़ दो
हो चुका बोहोत
चकना-चूर हुआ मैं ,तूने ही तो आके समेटा था मुझे
सबके बीच डूब रहा था सिर्फ तूने ही तो देखा था मुझसे ,
यादों मे बसर होके जब खुद को मर रहा था
एक तू ही तो थी जिसने रोका था मुझे ।
Sacha pyaar bhi hota hai
jo dil se hota hai na ki rang se.