इस ग़म के सवेरे में अजीब सा साया है,
दरवाज़े पर मेरे इक फकीर आया है,
उसे भूख है, मुझे अंधेरों ने खाया है,
जो था सब उसे नज़र कैसे ना करता,
वो मेरे लिए मुट्ठी भर रौशनी लाया है…🍂
इस ग़म के सवेरे में अजीब सा साया है,
दरवाज़े पर मेरे इक फकीर आया है,
उसे भूख है, मुझे अंधेरों ने खाया है,
जो था सब उसे नज़र कैसे ना करता,
वो मेरे लिए मुट्ठी भर रौशनी लाया है…🍂
ਮੌਤ ਦੀ ਗੋਦ ਵਿੱਚ ਸੌਣ ਨੂੰ ਜੀ ਕਰਦਾ ਹੈ
ਉਹਦੀ ਯਾਦ ਆਉਂਦੀ ਜਦੋਂ, ਪਤਾ ਨੀ ਕਿਉਂ
ਇਕੱਲਾ ਬਹਿ ਕੇ ਰੋਣ ਨੂੰ ਜੀ ਕਰਦਾ
maut di gaud vich saun nu g karda
ohdi yaad aundi hai jadon, pata ni kyu
ekalla beh k raun nu g karda
logon ne poochha ki kaun hai voh,
jo teree ye udaas haalat kar gaya,
mainne muskura ke kaha usaka naam,
har kisee ke labon par achchha nahin lagata.
लोगों ने पूछा कि कौन है वोह,
जो तेरी ये उदास हालत कर गया,
मैंने मुस्कुरा के कहा उसका नाम,
हर किसी के लबों पर अच्छा नहीं लगता.