ख़ामोश रहता हूं, जीने की कोई आस नहीं मिलती... पहले बात कुछ और थी, अब वो सुकून की सांस नहीं मिलती... मिलती थी पहले हर छोटी छोटी बातों पर, ढेर सारी खुशियां... अब इन अदाकार चेहरों में मुस्कुराहट भी, कुछ ख़ास नहीं मिलती....
ख़ामोश रहता हूं, जीने की कोई आस नहीं मिलती... पहले बात कुछ और थी, अब वो सुकून की सांस नहीं मिलती... मिलती थी पहले हर छोटी छोटी बातों पर, ढेर सारी खुशियां... अब इन अदाकार चेहरों में मुस्कुराहट भी, कुछ ख़ास नहीं मिलती....
मेरे हिस्से आई अब तक कोई सुबह या शाम नही!
मैं उसकी दीवाना हूँ और एक पल को आराम नही!
सुबह सवाली बन जाती है रात डराती है मुझकों!
याद उसे करती हूँ केवल और मुझे कुछ काम नही!!
हर्ष ✍️
Na hath thaam sake Na pakad sake daman
Behad hi kareeb se guzar kar bichad gya koi 💔
ना हाथ थाम सके ना पकड़ सके दामन,
बेहद ही करीब से गुजर कर बिछड़ गया कोई.💔