
yaar yaar kehnde ne
oh thode ne jo mehfilaa de vich behnde ne
matlab niklan ton baad ure sabh chhad jande ne
saade varge jajbaati lokaa nu lok thag jaande ne
🥺💔😭💘😢
मिल भी जाते हैं तो कतरा के निकल जाते हैं,
हैं मौसम की तरह लोग… बदल जाते हैं,
हम अभी तक हैं गिरफ्तार-ए-मोहब्बत यारों,
ठोकरें खा के सुना था कि संभल जाते हैं।
🥺💔😭💘😢
अकेले चले जाते हो
बताते भी नहीं हो
बातें दिल में रखते हो
सुनाते भी नहीं हो
अपने राज छुपाए रखते हो
हमारे जान लेते हो
भीड़ में होकर भी
लापता से रहते हो
जो सवाल पूछो तो
नजरे चुराते हो
स्टेटस भी देखते हो
और देखकार मुस्कुरा भी देते
जाने किस रोज को रुके हो
फोन लगाते भी नहीं हो
हमारा दर्द भी समझते हो
फिर भी नसमझ सा बनते हो
कभी बहुत अपनापन जताते हो
और कभी पराए हो जाते हो
बाला की ख़ूबसूरत हो
पर इतराते नहीं हो
वैसे तो हर लिबास में हसीन हो
पर पीली कुर्ती में बिजलियाँ गिराते हो
मशहूर होकर भी गुमनाम सा रहते हो
ताजगी सुबह की हैं पर मस्तानी शाम सा रहते हो
बांधते हो और फिर खोल देते हो
इन जुल्फों से बड़ा खेलते हो
चेहरे की किताब के अक्षरों में उलझाते हो
अब बोल भी दो दिल की बात क्यों हमारे जख्मों को सहलाते हो
मैं तो सामने से नहीं बोल पाऊंगा
डरता हूं तुम्हारी ना हुई तो नहीं झेल पाऊंगा
अब तुम भी तो कभी कुछ इशारों को समझो
किसी चंचल नांव की तरह लहरें से उलझो
अब जब कभी तुमसे अगली मुलाकात हो
इधर-उधर की नहीं सीधे मुद्दे की बात हो
फिर जो भी फैसला आए हमें मंजुर हो
इकरार हो या ना हो पर अब इजहार तो जरूर हो।
इजहार तो जरूर हो।
इजहार तो जरूर हो।