
मुझे तालाश नहीं कोई मंजिल की
जब राहो में मेरे साथ हो तुम।
मुझे नहीं चाहिए दौलत सूरत
मेरी इक बस अरमान हो तुम।
बंजर पड़ी मेरी ज़िंदगी को
शोभन करे वो बरसात हो तुम।
मेरी कौफ सी काली रातो को
रोषण करे वो चांद हो तुम।
मेरा दिन बन जाता लबो पे आते
वो खुदा सुनहरा नाम हो तुम।
मेरी हर मुश्किल को चीर के आगे
वो धनुष से निकला बान हो तुम।
मेरी हर दर्द को दुर करे
मलहम सा लगा बाम हो तुम।
मुझे क्या जरूरत किसी ऑर सक्स की
जब हर लम्हों में साथ हो तुम।
मुझे तालाश नहीं कोई मंजिल की
जब रहो में मेरे साथ हो तुम।
जो तन को पल में सीतल कर दे
वो सुबह की पहली आजन हो तुम।
जो सह ले हर करवी बाते
वो मधुर मीठी मुस्कन हो तुम।
जो राहत से भितम गरमी से
वो पेरो की ठंडी छाओ हो तुम।
खोल दे आखे सही वक्त पे
वो शोर करती आलार्म हो तुम।
मुझे तालाश नहीं कोई मंजिल की
जब रहो में मेरे साथ हो तुम।।
Ishq 💕taa hunda e sabran naal bhareya😇
Imtehaan bhut eh👉 lainda e..!!
Jiwe udeek kare koi soohe khat di💖
Oda intezaar🤗 sajjna da rehnda e😍..!!
ਇਸ਼ਕ 💕ਤਾਂ ਹੁੰਦਾ ਏ ਸਬਰਾਂ ਨਾਲ ਭਰਿਆ😇
ਇਮਤਿਹਾਨ ਬਹੁਤ ਇਹ👉 ਲੈਂਦਾ ਏ..!!
ਜਿਵੇਂ ਉਡੀਕ ਕਰੇ ਕੋਈ ਸੂਹੇ ਖੱਤ ਦੀ💖
ਓਦਾਂ ਇੰਤਜ਼ਾਰ 🤗ਸੱਜਣਾ ਦਾ ਰਹਿੰਦਾ ਏ😍..!!