बेवफा ने दिल को कई जख्म दिए, कभी मार दिया, कभी छोड़ दिया..
उसे मेरे दिल पे अपना नाम दिखा, फिर भी मुझसे मुँह मोड़ लिया..
मुकदमा हुआ उसपर तो, बेगुनाही निकली वो..
उसके पास अपना दिल था ही नहीं, उसने मेरा लिया या तोड़ दिया..
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बेवफा ने दिल को कई जख्म दिए, कभी मार दिया, कभी छोड़ दिया..
उसे मेरे दिल पे अपना नाम दिखा, फिर भी मुझसे मुँह मोड़ लिया..
मुकदमा हुआ उसपर तो, बेगुनाही निकली वो..
उसके पास अपना दिल था ही नहीं, उसने मेरा लिया या तोड़ दिया..
मेरी मोहब्बत है वो कोई मज़बूरी तो नही,
वो मुझे चाहे या मिल जाये, जरूरी तो नही,
ये कुछ कम है कि बसा है मेरी साँसों में वो,
सामने हो मेरी आँखों के जरूरी तो नहीं।।