बेवफा ने दिल को कई जख्म दिए, कभी मार दिया, कभी छोड़ दिया..
उसे मेरे दिल पे अपना नाम दिखा, फिर भी मुझसे मुँह मोड़ लिया..
मुकदमा हुआ उसपर तो, बेगुनाही निकली वो..
उसके पास अपना दिल था ही नहीं, उसने मेरा लिया या तोड़ दिया..
बेवफा ने दिल को कई जख्म दिए, कभी मार दिया, कभी छोड़ दिया..
उसे मेरे दिल पे अपना नाम दिखा, फिर भी मुझसे मुँह मोड़ लिया..
मुकदमा हुआ उसपर तो, बेगुनाही निकली वो..
उसके पास अपना दिल था ही नहीं, उसने मेरा लिया या तोड़ दिया..
Suno…
Tumhaare shaher ki raat ka… Tanhaa sitaara hoon…
Mujhe bujhaa kar… Sar-e-shaam kya jalaawongi…
Jaana…
Kya kahaa…? Aapko bhi shayri pasand he meri…?
Agar ho gayaa ishq… To kahaan jaawongi…?