Dila haar te sahi aapa vaar te sahi
ethe haareyaan di uchi shaan howe
ਦਿਲਾ ਹਾਰ ਤੇ ਸਹੀ ਆਪਾ ਵਾਰ ਤੇ ਸਹੀ
ਏਥੇ ਹਾਰਿਆਂ ਦੀ ਉੱਚੀ ਸ਼ਾਨ ਹੋਵੇ
Dila haar te sahi aapa vaar te sahi
ethe haareyaan di uchi shaan howe
ਦਿਲਾ ਹਾਰ ਤੇ ਸਹੀ ਆਪਾ ਵਾਰ ਤੇ ਸਹੀ
ਏਥੇ ਹਾਰਿਆਂ ਦੀ ਉੱਚੀ ਸ਼ਾਨ ਹੋਵੇ
बिन मंजिल का मुसाफिर उसे दर ब_दर भटकना पड़ा
तपती सहराव में नंगे पांव चला ही चलना पड़ा
ता_उम्र उसने खुदा का शुक्र ही अदा किया उसने
मोहब्बत का मरीज__दुआ में मौत मांगा पड़ा
जाने कहाँ बैठकर देखती होगी, वो आज जहां भी रहती है..
नाराज़ है वो किसी बात को लेकर, सपनों में आकर कहती है..
मैं याद नहीं करता अब उसको, चुप-चाप देखकर सहती है..
वो चली गई भले दुनिया से, मेरे ज़हन में अब भी रहती है..
उसे चाहता हूँ पहले की तरह, ये तो वो आज भी कहती है..
किसी और संग मुझे देख-ले गर जो, वो आज भी लड़ती रहती है..
ना वो भूली ना मैं भुला, भले भूल गई दुनिया कहती है..
रहती थी पहले भी पास मेरे, मेरे साथ आज भी रहती है..