Hoti rahegi mulakaate tumse
nazro se door ho
dil se nahi
ਹੋਤੀ ਰਹੇਗੀ ਮੁਲਾਕ਼ਾਤੇੰ ਤੁਮਸੇ 😊
ਨਜ਼ਰੌ਼ ਸੇ 🧐 ਦੂਰ ਹੋ
ਦਿਲ💕 ਸੇ ਨਹੀਂ,,
Hoti rahegi mulakaate tumse
nazro se door ho
dil se nahi
ਹੋਤੀ ਰਹੇਗੀ ਮੁਲਾਕ਼ਾਤੇੰ ਤੁਮਸੇ 😊
ਨਜ਼ਰੌ਼ ਸੇ 🧐 ਦੂਰ ਹੋ
ਦਿਲ💕 ਸੇ ਨਹੀਂ,,
“सोचता हूँ, के कमी रह गई शायद कुछ या
जितना था वो काफी ना था,
नहीं समझ पाया तो समझा दिया होता
या जितना समझ पाया वो काफी ना था,
शिकायत थी तुम्हारी के तुम जताते नहीं
प्यार है तो कभी जमाने को बताते क्यों नहीं,
अरे मुह्हबत की क्या मैं नुमाईश करता
मेरे आँखों में जितना तुम्हें नजर आया,
क्या वो काफी नहीं था I
सोचता हूँ के क्या कमी रह गई,
क्या जितना था वो काफी नहीं था
“सोचता हूँ कभी पन्नों पर उतार लूँ उन्हें I
उनके मुँह से निकले सारे अल्फाजों को याद कर लूँ कभी I
ऐसी क्या मज़बूरी होगी उनकी की हम याद नहीं आते I
सोचता हूँ तोहफा भेज कर अपनी याद दिला दूँ कभी I
सोचता हूँ कभी पन्नों पर उतार लूँ उन्हें I
Aaj ek bar fir man me svaal aaya hai
kisi ke hisse me tum or mere hisse me bas tumhari yaado ka dhundla saya hai💫
आज एक बार फिर मन में सवाल आया है
किसी के हिस्से में तुम और मेरे हिस्से में बस तुम्हारी यादों का धुंधला साया है 💫