Dhadkate rahege tumahre dil ki gehraaio me din raat ham
jo kabhi khatam na ho wo ehsaas hai ham
धड़कते रहेंगे तुम्हारे दिल की गहराइयों में दिन रात हम…*💕💕
💕💕 *जो कभी खत्म न हो वो अहसास हैं हम…*💕💕
Dhadkate rahege tumahre dil ki gehraaio me din raat ham
jo kabhi khatam na ho wo ehsaas hai ham
धड़कते रहेंगे तुम्हारे दिल की गहराइयों में दिन रात हम…*💕💕
💕💕 *जो कभी खत्म न हो वो अहसास हैं हम…*💕💕
गजल (बे बहर)
जाने क्या हो गया है कैसी इम्तिहान की घड़ी है,
एक आशिक पे ये कैसी सजा आन पड़ी है!
आस भी क्या लगाएं अबकी होली पे हम उनसे,
दुनिया की ये खोखली रस्में तलवार लिए खड़ी है!
मैंने देखें हैं गेसुओं के हंसते रुखसार पे लाली
मगर हमारे चेहरे पे फिर आंसुओं की लड़ी है!
दर्द है, हिज्र है,और धुंधली सी तस्वीर का साया भी
तुम महलों में रहते हो तुमको हमारी क्यों पड़ी है !!
कैसे मुकर जाऊं मैं खुद से किए वादों से अभी,
अब मेरे हाथों में ज़िम्मेदारियों की हथकड़ी है!
तुमको को प्यार है दौलत ए जहां से अच्छा है,
मगर इस जहान में मेरे लिए मां सबसे बड़ी है !!
अपनी यादों में मुझे कभी यूं ही ढूंढ़ लेना तुम,
ना मिलूं तो धड़कनों से मेरा पता पूछ लेना तुम,
रहूंगी मौजूद इन हवाओं में हमेशा, फिर भी,
ना दिखूं तो इन्हें अपनी सांसों से छू लेना तुम…