कभी ना कभी तो उनकी आँखों में मेरा अक्स दिखा देगा..
जो उन्हें आज भी बेताहाशा चाहता है, वो शक्श दिखा देगा..
जब जमाने ने ठुकरा दिया उनको, तब अपनी नजरों में पनाह दी थी..
फिर से जब जमाना उन्हें ना-गवार होगा, तब दोबारा मेरी ओर उन्हें लक्ष दिखेगा..
कभी ना कभी तो उनकी आँखों में मेरा अक्स दिखा देगा..
जो उन्हें आज भी बेताहाशा चाहता है, वो शक्श दिखा देगा..
जब जमाने ने ठुकरा दिया उनको, तब अपनी नजरों में पनाह दी थी..
फिर से जब जमाना उन्हें ना-गवार होगा, तब दोबारा मेरी ओर उन्हें लक्ष दिखेगा..
देखती हु उन्हें रोज़ खिड़की से कुछ तलाश करते हुए शायद खुद की ज़मीर को खोजते हैँ
और खुद ही ना जवाब पाकर .. चुप चाप चले जातें हैँ
शायद वो समझ नी पाते जिसे वो खोजते वो उनका ज़मीर नी उनके अंदर का टुटा प्यार है ..
हर रोज़ बस अड़े पर दीखते हैँ वो ..
और फिर भी अपने घर से ना जाने कैसे मेरे घर तक आजाते हैँ .. आसमान मे देख कर कहते हैँ की..भूल जाता हूँ अपना घर
इश्क़ का नशा जो तेरा अब तक चढ़ा है ..
देखती हु वो बैग दिया हुआ मेरा .. आज तक अपने संघ रखते हैँ मानो जैसे कलेजे को ठंडक देने वाला जलजीरा हो ..या आँखों को सुलघाने वाला चमकता हीरा हो ..
पर बुधु जो हैँ इन सबमे अपना रुमाल ही भूल जाते हैँ .
जानती हु वो बस मुझे याद करते हैँ ..
तभी तो शीशे के सामने आने से हटते हैँ
अपनी शकल बता कर मेरी शकल भूलने से डरते हैँ
पहले सामने थे मेरे देखती हु अब ऊपर से वो इश्क़ जो मेरा था वो जो खो गया…..
Kdde kdee koii aapki jindagi ch inna khaas ho jaandaa ha ki rbb vii khndaa aee kiiii kaaaakeeeeee itheee m vii aa jee ai tere naal hogyaa te m veroojgaar ho jaawanga…