घूँट भर ख़्वाहिश नहीं है
मैं समंदर चाहता हूँ
लूट लो तुम ये हवाएँ
मैं बवंडर चाहता हूँ
- – Vishakt ki Kalam se
घूँट भर ख़्वाहिश नहीं है
मैं समंदर चाहता हूँ
लूट लो तुम ये हवाएँ
मैं बवंडर चाहता हूँ
akhaa vich ohda chehra hai
khyaala ch v ohda gheraa hai
sajjna nu bhulje koi howe idaa di dawai
me karke yaad sajjna nu kafi samaa guaaeyaa hai
ਅਖਾਂ ਵਿਚ ਉਹਦਾ ਚੇਹਰਾ ਹੈ
ਖ਼ਯਾਲਾ ਚ ਵੀ ਉਹਦਾ ਘੇਰਾਂ ਹੈ
ਸਜਣਾ ਨੂੰ ਭੁੱਲਜੇ ਕੋਈ ਹੋਵੇ ਇਦਾਂ ਦੀ ਦਵਾਈ
ਮੈਂ ਕਰਕੇ ਯਾਦ ਸੱਜਣ ਨੂੰ ਕਾਫ਼ੀ ਸਮਾਂ ਗੂਆਏਆ ਹੈ
—ਗੁਰੂ ਗਾਬਾ 🌷
भगवन का इन्साफ करने का तरीका बहुत अच्छा है, कुछ बुरे कर्म माँ बाप करते हैं लेकिन उसका फल संतान को मिलता है।
कुछ बुरे कर्म संतान करती है लेकिन उसका फल माँ बाप को मिलता है क्यूंकि कोई भी इतना अपने दुःख दर्द में नहीं तडपता जितना अपनों को दर्द में देखकर तड़पता है।
तो थोड़ा सोच कर चलिए बुरे कर्म करोगे आप, भुगतेंगे आपके अपने
Manisha❤️Mann✍️