Na tere ton pehla koi c
na tere ton baad koi aa
roohan da mel aa sajjna
zindagi tere ton baad
khatam ho jaani
ਨਾ ਤੇਰੇ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾ ਕੋਈ ਸੀ
ਨਾ ਤੇਰੇ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਕੋਈ ਆ…
ਰੂਹਾਂ ਦਾ ਮੇਲ ਆ ਸੱਜਣਾ
ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਤੇਰੇ ਤੋਂ ਬਾਅਦ
ਖਤਮ ਹੋ ਜਾਣੀ ਆ..!!
Na tere ton pehla koi c
na tere ton baad koi aa
roohan da mel aa sajjna
zindagi tere ton baad
khatam ho jaani
ਨਾ ਤੇਰੇ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾ ਕੋਈ ਸੀ
ਨਾ ਤੇਰੇ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਕੋਈ ਆ…
ਰੂਹਾਂ ਦਾ ਮੇਲ ਆ ਸੱਜਣਾ
ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਤੇਰੇ ਤੋਂ ਬਾਅਦ
ਖਤਮ ਹੋ ਜਾਣੀ ਆ..!!
चलो किसी पुराने दौर की बात करते हैं,
कुछ अपनी सी और कुछ अपनों कि बात करते हैं…
बात उस वक्त की है जब मेरी मां मुझे दुलारा करती थी,
नज़रों से दुनिया की बचा कर मुझे संवारा करती थी,
गलती पर मेरी अकेले डांट कर पापा से छुपाया करती थी,
और पापा के मुझे डांटने पर पापा से बचाया करती थी…
मुझे कुछ होता तो वो भी कहाँ सोया करती थी,
देखा है मैंने,
वो रात भर बैठकर मेरे बाल संवारा करती थी,
घर से दूर आकर वो वक्त याद आता है,
दिन भर की थकान के बाद अब रात के खाने में, कहां मां के हाथ का स्वाद आता है,
मखमल की चादर भी अब नहीं रास आती है,
माँ की गोद में जब सिर हो उससे अच्छी नींद और कहाँ आती है…
Yun toh aap humse kabhi khafaa honge nai,
Par is mohobbat me kabhi kabhi khafaa hona acha hai…
Do jism, ek jaan or ye pyaar jab sacha hai,
Toh is mohobbat me kabhi kabhi khafaa hona kaafi acha hai…