Kya galat fehmi mein reh jane ka sadma kuch nahi,
Vo mujhe samjha to sakta tha ke esa kuch nahi
Ishq se bach kar bhi banda kuch nahi hota magar
Ye bhi sach hai ishq mein bande ka bachta kuch nahi…..🖤🥀
क्या ग़लत-फ़हमी में रह जाने का सदमा कुछ नहीं,
वो मुझे समझा तो सकता था कि ऐसा कुछ नहीं
इश्क़ से बच कर भी बंदा कुछ नहीं होता मगर,
ये भी सच है इश्क़ में बंदे का बचता कुछ नहीं…. 🖤🥀
” ਅਧੂਰਾ ਹੀ ਰਿਹਾ ਮੇਰੇ ਇਸ਼ਕੇ ਦਾ ਸਫਰ..ਕਦੇ ਰਸਤਾ ਖੋ ਗਿਆ , ਕਦੀ ਹਮਸਫਰ…💔
“Adhura hi rhea Mere Ishq da safar…kde rasta kho gya, kde hamsafar…💔