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Mere lyi DIl vich thaa rakhi || love Punjabi shayari

Ki hoyia je mein chup a
Mere akhar bolnge
Tu sunan Vale kann rakhi
Ajj nhi ta kal ayunga
Tu dil vich mere lyi thaa rakhi
Pye udhare a tere kol
Saah mere sambh sambh rakhi
Auna hai mein tapde suraj vicho
Tu chunni di karke chaa rakhi❤

ਕੀ ਹੋਇਆ ਜੇ ਮੈ ਚੁੱਪ ਆ
ਮੇਰੇ ਅੱਖਰ ਬੋਲਣਗੇ
ਤੂੰ ਸੁਣਨ ਵਾਲੇ ਕੰਨ ਰੱਖੀ
ਅੱਜ ਨਹੀ ਤਾਂ ਕੱਲ੍ਹ ਆਉਂਗਾ
ਤੂੰ ਦਿਲ ਵਿਚ ਮੇਰੇ ਲਈ ਥਾਂ ਰੱਖੀ
ਪਏ ਉਧਾਰੇ ਆ ਤੇਰੇ ਕੋਲ
ਸਾਹ ਮੇਰੇ ਸਾਂਭ ਸਾਂਭ ਰੱਖੀਂ
ਆਉਣਾ ਹੈ ਮੈ ਤਪਦੇ ਸੂਰਜ ਵਿੱਚੋ
ਤੂੰ ਚੁੰਨੀ ਦੀ ਕਰਕੇ ਛਾਂ ਰੱਖੀ❤

Title: Mere lyi DIl vich thaa rakhi || love Punjabi shayari

Best Punjabi - Hindi Love Poems, Sad Poems, Shayari and English Status


Hindi shayari || tu aur aap

Hindi shayari || Samjhe to itni c baat hai...log tujhe tu kehte hai....aur muje ai janab aap hai ...
Samjhe to itni c baat hai…log tujhe tu kehte hai….aur muje ai janab aap hai …




Camel ki gardan || akbar birbal kahani

अकबर बीरबल की हाज़िर जवाबी के बडे कायल थे। एक दिन दरबार में खुश होकर उन्होंने बीरबल को कुछ पुरस्कार देने की घोषणा की। लेकिन बहुत दिन गुजरने के बाद भी बीरबल को पुरस्कार की प्राप्त नहीं हुई। बीरबल बडी ही उलझन में थे कि महाराज को याद दिलायें तो कैसे?

एक दिन महारजा अकबर यमुना नदी के किनारे शाम की सैर पर निकले। बीरबल उनके साथ था। अकबर ने वहाँ एक ऊँट को घुमते देखा। अकबर ने बीरबल से पूछा, “बीरबल बताओ, ऊँट की गर्दन मुडी क्यों होती है”?

बीरबल ने सोचा महाराज को उनका वादा याद दिलाने का यह सही समय है। उन्होंने जवाब दिया – “महाराज यह ऊँट किसी से वादा करके भूल गया है, जिसके कारण ऊँट की गर्दन मुड गयी है। महाराज, कहते हैं कि जो भी अपना वादा भूल जाता है तो भगवान उनकी गर्दन ऊँट की तरह मोड देता है। यह एक तरह की सजा है।”

तभी अकबर को ध्यान आता है कि वो भी तो बीरबल से किया अपना एक वादा भूल गये हैं। उन्होंने बीरबल से जल्दी से महल में चलने के लिये कहा। और महल में पहुँचते ही सबसे पहले बीरबल को पुरस्कार की धनराशी उसे सौंप दी, और बोले मेरी गर्दन तो ऊँट की तरह नहीं मुडेगी बीरबल। और यह कहकर अकबर अपनी हँसी नहीं रोक पाए।

और इस तरह बीरबल ने अपनी चतुराई से बिना माँगे अपना पुरस्कार राजा से प्राप्त किया।

Title: Camel ki gardan || akbar birbal kahani