मोहब्बत है कोई लगाव नहीं,
मोहब्बत है कोई लगाव नहीं,
कांटो भरी रह है कोई फुलो की चादर नहीं,
अगर हंस के गुजर दिए हर लम्हे तो,
अगर हंस के गुजर दिए हर लम्हे तो,
वो मोहब्बत कैसी,
क्या मोहब्बत तो तुम्हें रोना भी सिखाती है…
मोहब्बत है कोई लगाव नहीं,
मोहब्बत है कोई लगाव नहीं,
कांटो भरी रह है कोई फुलो की चादर नहीं,
अगर हंस के गुजर दिए हर लम्हे तो,
अगर हंस के गुजर दिए हर लम्हे तो,
वो मोहब्बत कैसी,
क्या मोहब्बत तो तुम्हें रोना भी सिखाती है…
Eh v shayed mera apna veham hai
koi deewa jagega meri kabar te
je hawa eho rahi kabraan ute taan ki
sabh gharaan ch vi deewe bujhe rehange
ਇਹ ਵੀ ਸ਼ਾਇਦ ਮੇਰਾ ਆਪਣਾ ਵਹਿਮ ਹੈ
ਕੋਈ ਦੀਵਾ ਜਗੇਗਾ ਮੇਰੀ ਕਬਰ ‘ਤੇ
ਜੇ ਹਵਾ ਇਹ ਰਹੀ ਕਬਰਾਂ ਉੱਤੇ ਤਾਂ ਕੀ
ਸਭ ਘਰਾਂ ‘ਚ ਵੀ ਦੀਵੇ ਬੁਝੇ ਰਹਿਣਗੇ
jeena chaahata hoon magar jidagee raaz nahin aatee,
marana chaahata hoon magar maut paas nahin aatee,
udaas hu is jinadagee se,
kyukee usakee yaade bhee to tarapaane se baaj nahin aatee..
जीना चाहता हूँ मगर जिदगी राज़ नहीं आती,
मरना चाहता हूँ मगर मौत पास नहीं आती,
उदास हु इस जिनदगी से,
क्युकी उसकी यादे भी तो तरपाने से बाज नहीं आती..