“खैरात में मिली जिंदगी की इनायत नहीं किया करते..
किस्मत में ना हो, उसके लिए शिकायत नहीं किया करते..
उसने जिसको जो दिया है, सोच समझकर दिया है..
उसका फैसला सुना करते हैं, उसे हिदायत नहीं दिया करते…”
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“खैरात में मिली जिंदगी की इनायत नहीं किया करते..
किस्मत में ना हो, उसके लिए शिकायत नहीं किया करते..
उसने जिसको जो दिया है, सोच समझकर दिया है..
उसका फैसला सुना करते हैं, उसे हिदायत नहीं दिया करते…”
Kitna Badlun Khud Ko Tere Liye,
Kuch To Mere Andar Mera Rehne De!
कंडो के साथ ही
तुमने मेरा प्रेम भी थापा,
उसे गोबर की तरह ढोया सिर पर,
घर से दूर ले जाकर,
खलिहान के किसी कोने में,
प्यार से, दुलार से,
पूचकार कर, आकार दिया,
धूप में सुखाया,
बारिश से बचाया बार बार पलटाया,
मैं और कंडे_ लायक बने,
तुम्हारे लिए जलने को_