
mohobat adhoori reh gai
Maine kab kaha mujhe gulaab dijiye
ya fir mohabbat se nawaz dijiye
Aaj bahut udaas hai dil
Gair ban ke hi sahi pr ek bar awaaz dijiye🍁
मैने कब कहा मुझे गुलाब दीजिये
या फिर मोहोब्बत से नवाज़ दीजिये
आज बहुत उदास है दिल
गैर बन के ही सही पर एक बार आवाज़ दीजिये🍁
मैं हूँ मुहब्बत,और मेरे मिटने का सवाल ही नहीं❤️
मैं रेत पर लिखी हुई कहानी नहीं
जो लहरों से मिट जाऊँ
मैं बारिश नहीं
जो बरस के थम जाऊँ
मैं हवा नहीं
जो तुम्हारे पास से गुज़र जाऊँ
मैं चाँदनी नहीं
जो रात के बाद ढल जाऊँ
तुम तो वो परवाने हो,
जो जलता रहेगा पर उफ़ तक नहीं करेगा💔
मैं शमा नहीं हूँ
जो परवाने को जला दु
मैं वो रंग हूँ
जो तेरी रूह पर चढ़कर कभी न उतरे
मैं तो वो मुहब्बत हूँ
जो तेरी रग-रग में लहू बन कर गर्दिश करे
Mann ✍️❤️