Pankaj Bhardwaj
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uski woh masoom si aankhe
उसकी वो मासूम सी आंखें, कभी-कभी मुझे झूठी सी लगती हैं..
उसकी वो सोच कर बनाई हुई बातें, अक्सर मुझे टूटी सी लगती हैं..
कभी मेरी नाराज़गी पर मुस्कुराती है, कभी प्यार पर रूठी सी लगती है..
कभी उसकी मामूली से हरकत भी मुझे, अनूठी सी लगती है..
कभी उसकी झुकी पलकों में इश्क होता है, कभी उठी सी लगती हैं..
उसके प्यार पर शक नहीं मुझे, फिर भी ना जाने क्यूं, झूठी सी लगती है..
heart rated 💔
एक रात || ek raat jab darwaaze par
एक रात जब दरवाजे पर दस्तक हुई, तो लगा कोई आया होगा..
आख़िर देर रात ये है कौन। कहीं कोई बुरी खबर तो ना लाया होगा..?
बिस्तर से उठा घबराहट के साथ, रात ताला भी तो लगाया होगा..
चाबी ना जाने कहां रख दी मैंने, ऐसा होगा, रात दिमाग में ना आया होगा..
चाबी लेकर दौड़ा दरवाजे की ओर, दरवाजा तो खोलू, शायद कोई घबराया होगा..
दरवाज़ा खोला कोई नहीं था, ये कोई मज़ाक का वक़्त है, जो दरवाज़ा खटखटाया
होगा..
ना जाने कौन था ये, जो इतनी रात गऐ मेरे दर पे आया होगा..?
पूरी रात निकल गई सोचने में, ये मेरा वहम था, या सच में कोई आया होगा..
Heart Fire || na soorat se || hindi shayari
ना हुस्न से, ना सूरत से, ना तेरी अदाओं से दिल बेचैन है…
तेरे जिस्म का घायल करने वाला हिस्सा, तो सिर्फ़ तेरे नैन हैं..
देखा जो तूने, लगा लहरों पे चलती, ठंडी हवाओं का झोंका है..
क्या समझ इस इशारे में, कुछ था, या मेरी नजरों का धोखा है..
अब ना दिन में चैन है, ना रातों को सुकून मिलता है..
क्या तुझे लगता है, के किसी रांझे से मेरा खून मिलता है..??
अब तू ही सुलझा ये गुत्थी, जो मेरे ज़हन में चल रही है..
क्या ये आग ठीक है, प्यार की, जो मेरे सीने में जल रही है..?