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Pankaj Bhardwaj

I am Pankaj Bhardwaj, I love to write shayri's, poems, stories & songs.... For giving me any suggestions or feedback.... contact me @ (spankaj8368@gmail.com)

मुस्कान का कुछ हिस्सा

उनके बारे में सोचूं, तो सोच में सुबह से शाम करदूँ..
मेरी दोस्ती कुबूल है उन्हें, क्या ये ज़िक्र शरेआम करदूँ..
अभी कहदूँ या रुकुं थोडा, जो मेरे दिल में बातें हैं..?
मेरा बस चले तो अपनी मुस्कान का कुछ हिस्सा, मैं उनके नाम करदूँ..

Bhool ho gai shayari

शर्माकर एक दिन इन्हीं आँखों ने, मेरे प्यार को कुबूला था..
इन्हीं पलकों के साए में रह कर कभी, पिछले गमों को भुला था..
उनका इश्क, नफ़रत में कब बदला, हमें ख़बर भी ना लगी..
उनके ज़हन से मेरा नाम ऐसे मिटा जैसे, परदेसी कोई सारे गांव को भूला था..

uski woh masoom si aankhe

उसकी वो मासूम सी आंखें, कभी-कभी मुझे झूठी सी लगती हैं..
उसकी वो सोच कर बनाई हुई बातें, अक्सर मुझे टूटी सी लगती हैं..
कभी मेरी नाराज़गी पर मुस्कुराती है, कभी प्यार पर रूठी सी लगती है..
कभी उसकी मामूली से हरकत भी मुझे, अनूठी सी लगती है..
कभी उसकी झुकी पलकों में इश्क होता है, कभी उठी सी लगती हैं..
उसके प्यार पर शक नहीं मुझे, फिर भी ना जाने क्यूं, झूठी सी लगती है..

heart rated 💔

एक रात || ek raat jab darwaaze par

एक रात जब दरवाजे पर दस्तक हुई, तो लगा कोई आया होगा..

आख़िर देर रात ये है कौन। कहीं कोई बुरी खबर तो ना लाया होगा..?

बिस्तर से उठा घबराहट के साथ, रात ताला भी तो लगाया होगा..

चाबी ना जाने कहां रख दी मैंने, ऐसा होगा, रात दिमाग में ना आया होगा..

चाबी लेकर दौड़ा दरवाजे की ओर, दरवाजा तो खोलू, शायद कोई घबराया होगा..

दरवाज़ा खोला कोई नहीं था, ये कोई मज़ाक का वक़्त है, जो दरवाज़ा खटखटाया
होगा..

ना जाने कौन था ये, जो इतनी रात गऐ मेरे दर पे आया होगा..?

पूरी रात निकल गई सोचने में, ये मेरा वहम था, या सच में कोई आया होगा..

Sehmi aankhe unki || hindi shayari

सेहमी हुई सी आंखें उनकी, जैसा कुछ कहना चाहती हैं..

बिना बोले भी जुबान उनकी, जैसी बहुत कुछ बताती है..

जब तक उनके चेहरे पर आई वो बात पढ़ने की कोशिश करता हूं..

ना जाने क्या हो जाता है उसे, नजरें फेर कर चली जाती है..

Kabhi na kabhi || hindi shayari love

कभी ना कभी तो उनकी आँखों में मेरा अक्स दिखा देगा..

जो उन्हें आज भी बेताहाशा चाहता है, वो शक्श दिखा देगा..

जब जमाने ने ठुकरा दिया उनको, तब अपनी नजरों में पनाह दी थी..

फिर से जब जमाना उन्हें ना-गवार होगा, तब दोबारा मेरी ओर उन्हें लक्ष दिखेगा..

Heart Fire || na soorat se || hindi shayari

ना हुस्न से, ना सूरत से, ना तेरी अदाओं से दिल बेचैन है…

तेरे जिस्म का घायल करने वाला हिस्सा, तो सिर्फ़ तेरे नैन हैं..

देखा जो तूने, लगा लहरों पे चलती, ठंडी हवाओं का झोंका है..

क्या समझ इस इशारे में, कुछ था, या मेरी नजरों का धोखा है..

अब ना दिन में चैन है, ना रातों को सुकून मिलता है..

क्या तुझे लगता है, के किसी रांझे से मेरा खून मिलता है..??

अब तू ही सुलझा ये गुत्थी, जो मेरे ज़हन में चल रही है..

क्या ये आग ठीक है, प्यार की, जो मेरे सीने में जल रही है..?

Marham lagaa dard kam hua

“मरहम लगा, दर्द कम हुआ, निशान फिर भी रह गए..

चुकाया दाम हकीमा को, एहसान फिर भी रह गए..

ये जख्मी दिल जा बैठा, दवा लगाने वाली की गोद में..

कमबख्त शादी की, ना जानवर बने, ना इंसान ही रह गए…।”

Pankaj Bhardwaj

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