Gazal shayari
Hindi Ghazal || Hindi shayari || love
ख़िज़ाँ का दौर हो या हो बहार का मौसम
मेरे लिए नहीं कोई क़रार का मौसम
किसे ख़बर थी बिछड़कर न मिल सकेंगे कभी
न ख़त्म होगा तेरे इन्तिज़ार का मौसम
ग़रज़ का दौर है सबको हैं अपनी अपनी धुन
किसी को रास न आया पुकार का मौसम
ढला है हुस्न तो मशहूर बेवफ़ाई हुई
गुज़र गया है तेरे इन्तिज़ार का मौसम
उड़ाए फिरती है आवारगी की आंधी हमें
हमें नसीब कहाँ ज़ुल्फ़-ए- यार का मौसम
बुझे हैं रेख़्ता हम तो बुझे नज़ारे हैं
उदास उदास लगा हुस्न -ए- यार का मौसम
Hindi shayari || Ghazal by Rekhta Pataulvi
महर-ओ- वफ़ा की शमआ जलाते तो बात थी
इंसानियत का पास निभाते तो बात थी
जम्हूरियत की शान बढ़ाते तो बात थी
फ़िरक़ा परस्तियों को मिटाते तो बात थी
जिससे कि दूर होतीं कुदूरत की ज़ुल्मतें
ऐसा कोई चराग़ जलाते तो बात थी
जम्हूरियत का जश्न मुबारक तो है मगर
जम्हूरियत की जान बचाते तो बात थी
ज़रदार से यह हाथ मिलाना बजा मगर
नादार को गले से लगाते तो बात थी
बर्बाद होने का तो कोई ग़म नहीं मगर
अपना बनाके मुझको मिटाते तो बात थी
हिंदुस्तान की क़सम ऐ रेख़्ता हूँ ख़ुश
पर मुंसिफ़ी की बात बताते तो बात थी
गज़ल❤️❤️ || gazal sunati hu || hindi shayari
चलो ना आज तुम्हें एक गज़ल सुनाती हूं।
गज़ल के साथ कुछ और भी बताती हूं ।
भरोसा करने से ज्यादा उसे निभाना सिखाती हूं।
साथ ही अपनी जिंदगी बताती हूं❤️
समझ सका ना कोई मुझे तुम्हें समझाती हूं ।
चलो कुछ पुरानी यादें तुम पे लुटती हूं ।
मंजिल तो सुहानी होती है।
सफर कैसा होता है तुम्हें रूबरू कराती हूं।
सब्र करना मुश्किल था लेकिन अब सब सह जाती हूं।
चलो तुम्हें अपनी जिंदगी का आज हिस्सा बनाती हूं।
Manisha ❤️Mann ✍️
Agar Tum Na Hote || hindi love shayari
Agar Tum Na Hote To Gajal Kaun Kahta,
Tumhare Chehare Ko Kamal Kaun Kahta,
Yeh Karishma Hai Mahobat Ka..
Warna Pathar Ko Taj Mahal Kaun Kehta! ?
अगर तुम न होते तो ग़ज़ल कौन कहता,
तुम्हारे चहरे को कमल कौन कहता
यह तो करिश्मा है मोहब्बत का..
वरना पत्थर को ताज महल कौन कहता। ?