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Two line Hindi shayari

Kabhi hasa bhi to nahi || sad hindi shayari

Yun tere baad zindagi kabhi hasa bhi to nhi
Tu kab hasa tha e dil yeh yaad bhi to nhi💔

यूँ तेरे बाद ज़िन्दगी कभी हँसा भी तो नहीं
तू कब हँसा था ए दिल यह याद भी तो नहीं💔

Hindi shayari collection || two line shayari

आदमी कैसे है, चेहरा देख के पता लगता।

बातें सुन के लगता है मैं सही तालाब का पानी पीता।

बातें करके, बातें सुन के, समय बर्बाद मत करो।

काम पे लगे रहो, ज़िंदगी में कुछ करो।

रोटी आग में फूल जाते है। 

ज़िंदगी  रोटी की तरह- प्रेरणा उसमें प्राण भरते है।

सुविधा अगर एक बार मिल गए, तो ज़िंदगी भर उसे पाने के लिए दौड़ेगा इंसान।

वह एक ऐसा चीज है, जो मेहनती को बनाता है अकर्मण्य और ईमानदार को बेईमान।

सुविधा मृत्यु से भी भयानक।

एक बार मिल जाये, तो समझलो आपके प्रतिभा को खा जायेगा कोई घातक।

आग बुझ जाती है, लेकिन प्यार कभी नहीं।

वायरस भी प्यार की तरह, डेल्टा या ओमिक्रोण, मौजूद सही। 

हमेशा मुख बंद रखो, युद्ध नहीं होगा।

यह सच्चाई फिर से कोविड ने सिखाया।

Beete huye pal || hindi shayari

Murari vo beete huye pal likhu
Ya is baisakh ki tapti dhup likhu😶

मुरारी वो बीते हुए पल लिखूं
या इस बैसाख की तपती धूप लिखूं😶

Khamosh rehne lage hain || sad hindi shayari

Hum aasmaan sar pe uthane wale
Khamosh rehne lage hai dekho 🙃

हम आसमान सर पे उठाने वाले
खामोश रहने लगे है देखो 🙃

Bichde tumse || two line Hindi shayari

Bahot din hogaye Bichde tumse
Ab toh khud se bhi Milne ka dil nahi karta 💔

बहुत दिन हो गए बिछड़े तुमसे
अब तो खुद से भी मिलने का दिल नही करता 💔

Gunahgar hai duniya wale || hindi shayari

Bhut dino se koi sada mijaji bhi nhi mila,
Lagta hai,
Gunahgaar hai sare duniya wale jo sir jhuka kar chalte hain…😶

बहुत दिनों से कोई सादा मिजाज़ी भी नहीं मिला,
लगता है,
गुनहगार है सारे दुनिया वाले जो सिर झुका कर चलते हैं…😶

Dil lagane ke kabil || two line shayari

Khoobsurat bohot hai tu lekin, dil lagane ke kabil nahi hai….. 
Aur Nigahon sa tere mujrim koi katil nahi hai…

खूबसूरत बहुत है तू लेकिन, दिल लगाने के काबिल नही है..
और निगाहों सा तेरे मुजरिम कोई कातिल नहीं है…

Meri rooh bhatakati || two line shayari

Poore shehar mein myassar nhi hawa kahi,
Bas meri rooh hai jo dar dar bhatkati hai..

पूरे शहर में मयस्सर नहीं हवा कहीं,
बस मेरी रूह है जो दर दर भटकती है…