Ek saya || Hindi shayari || beautiful lines
हर वक्त एक अंजान साया सा, मेरे पास घूमता रहता है..
मेरे दिल से जुडा है वो शायद, मेरी रूह चूमता रहता है..
बताता नहीं है मुझको कुछ, और ना मुझसे कुछ कहता है..
मेरी मर्जी हो या ना हो मगर, शागिर्द बना वो रहता है..
दिन और रात वो बस मेरे, आगोश में पलता रहता है..
मैं चाहुं या फिर ना चाहुं, मेरे साथ वो चलता रहता है..
हर खुशी बांटता है मेरी, हर गम मेरे संग सेहता है..
आखिर साया है ये किसका, ये सवाल जहन में रहता है..