Love shayari in Hindi
Izhaar e mohobbat || hindi love shayari
तेरा ईश्क रहता है , मेरे सपनों के शहर में ।
दबी जुबां में मुझसे , एक बात कहता है ।।
मन में बसी है तू , दिल तुझसे मिलने को बेकरार है ।
नाराजगी छोड़ दे ना , तेरा प्यार तो मेरे लहू में बहता है ।।
ख्वाबों की गलियों में , बसी चाहत है सनम ।
फितूरी का खुमार भी , बस तेरा ही नाम कहता है ।।
आँखों में नींद नहीं , सुकून में भी चैन नहीं ।
बस इजहार-ए-मोहब्बत का ख्याल , हर पल मेरे जहन में रहता है ।।
जिंदगी भर || zindagi bhar || hindi shayari
अब ना होगा तेरा साथ जिंदगी भर , रहेगा बस यही एक मलाल जिंदगी भर ।
मेरी हसरतें तेरी खुशियों में कहीं गुम हो गई , हम तलाशते रह गए जीने की वजह जिंदगी भर ।।
हाशिए पर है अब मेरे ख्वाबों की हकीकत , ख्याल भी तेरा रहा ताउम्र जिंदगी भर ।
पूछता रहा सवाल कि क्यों खुद से रूठे हैं , असर तेरी मोहब्बत का जख्म बना रहा जिंदगी भर ।।
Raste par unhe pukarte dekha hai || Hindi shayari || love shayari
Raste par unhe pukarte logo ko maine dekha hai,
Khidki se unhe zulfe sawarte mene dekha hai
Shayad unhe khabar hai unhe meri nazar lagi hai
Unhe aayine pe apna sadka utarne mene dekha hai…❤️
रास्तों पर उन्हें पुकारते लोगो को मैंने देखा है,
खिड़की से उन्हें जुल्फें संवारते मैंने देखा है,
शायद उन्हें खबर है उन्हे मेरी नज़र लगी है,
उन्हें आईने पे अपना सदका उतरते मैंने देखा है…❤️
ज़िकर तुम्हारा होता है || hindi poetry || love shayari
ज़िकर तुम्हारा होता है ,अल्फाज् हमारे होते है
आलम ये हो गया है की अब हम रात में भी नहीं सोते हैl
इस कदर गुम हो जाते है तुमहारी याद मे,
की पता नही चलता हम कहा होते है|
अगर तुम साथ नही होगी,
तो तनहा गुजार देगे जिदगी ये वादा करते है|
मेरे ज़जबातों को समझने की कोशिश करो,
हम जैसे इंसान बहुत कम होते है l
वैसे तो हुसन की कमी नहीं है ,
पर तुम्हारे जैसे भी बहुत कम मिलते है l
हर किसी को अपना प्यार मिल जाये ,
ऐसे खुशकिसमत कम होते है l
कुछ तो खास है तुम में ,
वरना हम भी हर किसी पे फिदा नही होते है|
Dil-e-bimar || love Hindi shayari || yaad shayari
Yun tasalli de rahe hain hum dil-e-bimar ko
Jis trah thaame koi girti huyi diwar ko
Kuch khatakta to hai pehlu mein mere reh reh kar
Ab khuda jane teri yaad hai ya mera dil ❤️
यूँ तसल्ली दे रहे हैं हम दिल-ए-बीमार को
जिस तरह थामे कोई गिरती हुई दीवार को
कुछ खटकता तो है पहलू में मेरे रह रह कर
अब ख़ुदा जाने तेरी याद है या मेरा दिल ❤️