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Love Hindi Shayari

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Hindi shayari in english, latest daily updated love and romantic shayari in hindi for whatsapp and fb.

Love is a beautiful thing in our life and love shayari helps us to express our love, feelings for our sweetheart.

We post daily love hindi shayari, pyar hindi shayaris on this page. You can read, submit and share these love, romantic and pyar hindi status.

Ishq adhoora || two line hindi shayari

Ishq adhoora raha to kya hua,
Hum to poore barbaad hue🙌

इश्क़ अधूरा रहा तो क्या हुआ,
हम तो पूरे बर्बाद हुए।🙌

Pyar aur nafrat || two line shayari || hindi shayari

Pyar aur nafrat dono hi kya kamaal karte hain,
Ho agar shiddat se to zindagi barbaad karte hain 🙌

प्यार और नफरत दोनो ही क्या कमाल करते हैं ,
हो अगर सिद्दत से तो जिंदगी बर्बाद करते हैं|🙌

Mohobbat ne kya karwat badli || two line shayari || hindi shayari

Mohabbat ne kya khub karwat badli
Ab Farak usse bhi nahi padta aur yaad hme bhi nahi aati…🥀🥀🥀

मोहोब्बत ने क्या खूब करवट बदली
अब फर्क उन्हें भी नहीं पड़ता और याद हमें भी नहीं आती…🥀🥀🥀

Hindi love shayari || love shayari

Zindagi mein koi pyar se pyara nhi milta
Zindagi mein koi pyar se pyara nhi milta
Jo hai pass aapke usko sambhal kar rakhna
Kyunki ek baar khokar pyar dobara nhi milta ❤

जिंदगी में कोई प्यार से प्यारा नही मिलता,
जिंदगी में कोई प्यार से प्यारा नही मिलता,
जो है पास आपके उसको सम्भाल कर रखना,
क्योंकि एक बार खोकर प्यार दोबारा नही मिलता।❤

Mahobbat ka mulazim || Hindi shayari

Hindi shayari || mohobbat shayari || वोह बसा बसाया शहर विरान हों गया
जहां इश्क का एक बेकसूर मुलाजिम सफ़्फा़क हों गया
कौन जाने किस मर्ज से गुज़रा है वोह
जिसका मेहबूब किसी रकी़ब कि मोहब्बत का मोहताज हो गया
वोह बसा बसाया शहर विरान हों गया
जहां इश्क का एक बेकसूर मुलाजिम सफ़्फा़क हों गया
कौन जाने किस मर्ज से गुज़रा है वोह
जिसका मेहबूब किसी रकी़ब कि मोहब्बत का मोहताज हो गया

Hindi Ghazal || Hindi shayari || love

ख़िज़ाँ का दौर हो या हो बहार का मौसम
मेरे लिए नहीं कोई क़रार का मौसम 
किसे ख़बर थी बिछड़कर न मिल सकेंगे कभी
न ख़त्म होगा तेरे इन्तिज़ार का मौसम
ग़रज़ का दौर है सबको हैं अपनी अपनी धुन
किसी को रास न आया पुकार का मौसम
ढला है हुस्न तो मशहूर बेवफ़ाई हुई
गुज़र गया है तेरे इन्तिज़ार का मौसम
उड़ाए फिरती है आवारगी की आंधी हमें
हमें नसीब कहाँ ज़ुल्फ़-ए- यार का मौसम
बुझे हैं रेख़्ता हम तो बुझे नज़ारे हैं
उदास उदास लगा हुस्न -ए- यार का मौसम

Hindi shayari || Ghazal by Rekhta Pataulvi

महर-ओ- वफ़ा की शमआ जलाते तो बात थी
इंसानियत का पास निभाते तो बात थी
जम्हूरियत की शान बढ़ाते तो बात थी
फ़िरक़ा परस्तियों को मिटाते तो बात थी
जिससे कि दूर होतीं कुदूरत की ज़ुल्मतें
ऐसा कोई चराग़ जलाते तो बात थी
जम्हूरियत का जश्न मुबारक तो है मगर
जम्हूरियत की जान बचाते तो बात थी
ज़रदार से यह हाथ मिलाना बजा मगर
नादार को गले से लगाते तो बात थी
बर्बाद होने का तो कोई ग़म नहीं मगर
अपना बनाके मुझको मिटाते तो बात थी
हिंदुस्तान की क़सम ऐ रेख़्ता हूँ ख़ुश
पर मुंसिफ़ी की बात बताते तो बात थी

Unki ek jhalak ko bekrar || love shayari || hindi shayari

Husan-e-benajeer ke talabgaar hue baithe hain,
Unki ek jhalak ko bekrar hue baithe hain,
Unke nazuk hathon se sza pane ko,
Kitni sadiyon se gunahgaar hue baithe hain..

हुस्न-ए-बेनजीर के तलबगार हुए बैठे हैं,
उनकी एक झलक को बेकरार हुए बैठे हैं,
उनके नाजुक हाथों से सजा पाने को,
कितनी सदियों से गुनाहगार हुए बैठे हैं।