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Pankaj Bhardwaj

I am Pankaj Bhardwaj, I love to write shayri's, poems, stories & songs.... For giving me any suggestions or feedback.... contact me @ (spankaj8368@gmail.com)

Yaade theher jaati hai

कभी उसकी यादें ठहर जाती हैं आकर, कभी टकराकर चली जाती हैं..
कभी गमों में डूबाये रखती हैं मुझे, कभी हंसाकर चली जाती हैं..
आज भी वो मेरे आस-पास है, कभी ये अहसास दिलाकर चली जाती है..
कभी एक झलक उसकी पाने को तरसूं, दिल जला कर चली जाती है..
उसका सपनों में आना-जाना यूं है जैसे, झपकी आकर चली जाती है..
मैं सुकून भरी नींद के इंतजार में होता हूं, सबको आकर चली जाती है..

Aankhe agar kamjor hoti || sad shayari

आंखें अगर कमजोर होती तो शायद दिल ना लगाते..
जब देख ही नहीं पाते, तो उनसे यूंही थोड़ी ना मिल जाते..
ना उनके चेहरे का दीदार होता, ना आँखों में डूब जाते..
ना आज गमों में होते, ना खुद को मुश्किल में पाते..

Intezaar maine kabhi || Mere liyaa shayari

इंतजार मैंने कभी उसका किया नहीं, वो ही थी जो करती थी..
मैं डरता था दुनिया से, वो एक ही मुझसे डरती थी..
ऐसा नहीं के खौफ में थी, बस प्यार वो मुझसे करती थी..
वो एक ही थी, वो एक ही है, जो मेरे लिए बस मरती थी..

Kis adha me uski jaadu hai || dard shayari

किस अदा में उसकी जादू है, ये कहना थोड़ा मुश्किल है..
उन आँखों ने जो दर्द दिया, वो सहना थोड़ा मुश्किल है..
झूठे प्यार की लहरों में उसकी, मेरा बहना थोड़ा मुश्किल है..
उसके दिल में ना जाने कित-नों की जगह है, मेरा रहना थोड़ा मुश्किल है..

Unke chehre ki hansi par nazar || sad shayari

उनके चेहरे की हंसी पर नजर मेरी तब पड़ी, जब शहर में मेरा आना हुआ..
अब उनके चेहरे पर ही रहती है ये हर घड़ी, और उनका मुझे देख शर्माना हुआ..
मेरी नज़रों पे उनकी नज़रों ने लगाई ऐसी हथ-कडी, ना फिर मेरा कभी घर जाना हुआ..
अब नज़रों से सिर्फ वही देखते हैं, जो वो दिखाती है, ना जाने भरा ये हमने, कैसा हर-ज़ाना हुआ..

Kai baar khyaal bure || hindi shayari

कई बार ख्याल बुरे सपनों का खुद-को, जगा-कर मिटा लिया..
गर लगी चोट तो निशानों पर मरहम, लगाकर मिटा लिया..
वो दाग तो मिट गए, जिन जख्मों का असर कम था..
कुछ दर्द शराब से और कुछ को अपने शब्दों से गा कर मिटा लिया..

Har kadam par dhokhaa kha kar mera dil || hindi shayari dil se

हर कदम पर धोखा खा कर मेरा दिल, अब कहीं जाकर ठेहरा है..
कुछ जख्म तो उसे याद ही नहीं, और कुछ जख्मों का असर बहुत गहरा है..
मेरी बातें मेरे दिल तक पहुँचती नहीं आज-कल..
ना जाने मेरे और मेरे दिल के बीच, किस-की और किन बातों का पहरा है..

kai mulaakaato ke baad aakhir || love shayari

कई मुलाक़ातों के बाद आख़िर, ये मुलाक़ात आई है..
आएगी फिर से सुकून भरी नींद, फिर वो रात आई है..
हम सोनहीं ना जाने कब से, आराम अधूरा है..
मेरी राहत की साँसें वो देखो मेरी जान, अपना साथ लाई है..

Pankaj Bhardwaj

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