ishq shayari
uska ishq hame jaan se pyaara
वो हुज़रा हमको,मक़ान से प्यारा है
उसका इश्क़ हमे, ज़ान से प्यारा है
नफ़रत करता है,अफताफ अंधेरे से
जुगनू को अंधेरा,ज़हान से प्यारा है
तुम्हारे मुंह से,ये अच्छा नहीं लगता
उसका नाम,मेरी ज़ुबान से प्यारा है
वाकी सारे है, इन सितारों की तरह
बस वो एक चेहरा, चांद से प्यारा है
सब काट के,एक लकीर उसकी बना
वो नफा,हज़ार नुकसान से प्यारा है
घूम लो जाकर, हज़ारों देश विदेश
कोई नहीं,जो हिंदुस्तान से प्यारा है
Love shayari || Hindi shayari on love || love you shayari
मैं बन जाऊं रेत सनम,,
तुम लहर बन जाना…
भरना मुझे अपनी बाहों में
अपने संग ले जाना..!!
अच्छा लगता हैं तेरा नाम मेरे नाम के साथ,
जैसे कोई खूबसूरत जगह हो हसीन शाम के साथ।
ये लकीरें ये नसीब ये किस्मत,
सब फ़रेब के आईने हैं,
हाथों में तेरा हाथ होने से ही,
मुकम्मल ज़िन्दगी के मायने हैं।
मुसाफर इश्क़ का हूं मैं
मेरी मंज़िल मुहब्बत है,
तेरे दिल में ठहर जाऊं
अगर तेरी इजाज़त है।
Tujhe bhula nhi sakte || Hindi shayari || sad but true
Zakham kitne gehre hai dikha nhi skte
Tujhe dekh sakte hai tere pass a nhi skte 🙃
Bda dukh hai tujhse kabhi ishq tha humein
Ab masla ye hai tujhe bhula nhi sakte 💔
जख्म कितने गहरे है दिखा नही सकते
तुझे देख सकते है तेरे पास आ नही सकते 🙃
बड़ा दुख है तुझेसे कभी इश्क था हमें
अब मसला ये है तुझे भुला नही सकते 💔
Hindi shayari || beautiful lines
गिरा तो फ़िर कभी,उठा ना मिला
बंदों का हुज़ूम था,खुदा ना मिला
ज़िस्म ना मिले,तो क्या हुआ यार
वो दिल से कभी, जुदा ना मिला
परिंदों के जैसा था, इश्क़ उसका
कोई वादा, कोई वास्ता ना मिला
ऐसे हुआ दिल पर,कब्ज़ा उसका
धड़कनों को भी, रास्ता ना मिला
उसके शाहपरस्त भी हैं,बादशाह
कोई भी पत्थर,तरास्ता ना मिला🍂
उसकी अहमियत बताना भी ज़रूरी है || Hindi love poetry
उसकी अहमियत है क्या, बताना भी ज़रूरी है !
है उससे इश्क़ अग़र तो जताना भी ज़रूरी है !!
अब काम लफ़्फ़ाज़ी से तुम कब तक चलाओगे !
उसकी झील सी आंखों में डूब जाना भी ज़रूरी है !!
दिल के ज़ज़्बात तुम दिल मे दबा कर मत रखो !
उसको देख कर प्यार से मुस्कुराना भी ज़रूरी है !!
उसे ये बारहा कहना वो कितना ख़ूबसूरत है !
उसे नग्मे मोहब्बत के सुनाना भी ज़रूरी है !!
किसी भी हाल में तुम छोड़ना हाथ मत उसका !
किया है इश्क़ गर तुमने, निभाना भी ज़रूरी है !!
सहर अब रूठना तो इश्क़ में है लाज़मी लेकिन !
कभी महबूब गर रूठे तो मनाना भी ज़रूरी है !!